मोहब्बत करनेवालों के लिए ग़ज़लों की सौगात लेकर आ गयी हैं गायिका मधुश्री ! ‘पैगाम -ए-मोहब्बत’ से ग़ज़ल की दीवानगी को दुनिया तक ले जाना हैं चाहती !

कहते हैं कि इश्क़ की भाषा को ,उसके अहसास को और इश्क़ की इल्तिजा को कहने के लिए ग़ज़ल से बेहतर और कोई तराना नही। जहा गालिब के दिल की बात , तीर बनकर कत्लेआम कर ही देती हैं । जी हां, ग़ज़लों की रंग बिरंगी खूबसूरत शाम लेकर आई गायिका मधुश्री , जिसका नाम हैं ‘पैगाम – ए -मोहब्बत’ .

8 अक्टूबर को मुंबई में ग़ज़लों की इस बेहद यादगार कॉन्सर्ट के जरिये मधुश्री पूरी दुनियां में ग़ज़ल की दीवानगी को आगे ले जाना चाहती हैं। आज के ज़माने में जहाँ ग़ज़लों की अहमियत खत्म सी होती दिख रही हैं ऐसे में मधुश्री, जूही नादिरा बब्बर और रक्षंदा खान की ओर से किया गया ‘पैगाम-ए-मोहब्बत’ ग़ज़ल कॉन्सर्ट, एक खूबसूरत उम्मीद हैं कि आज भी चाहनेवालों के जहन में ग़ज़ल के लिए इश्क़ बरकरार हैं।

बेहद शानदार ग़ज़लों और खूबसूरत नज़्मों से भरी इस शाम की जान थी गायिका मधुश्री जिन्होंने अपनी सुरीली आवाज से ग़ज़लों की झड़ी लगा दी और मोहब्बत के बीते दिन याद दिला दिए । वही जूही नादिरा बब्बर की नायब शायरियों ने भी दिल मे प्यार का जोश भर दिया और रक्षंदा खान की मेजबानी ने मानों दिल ही जीत लिया। तीनों की तिकड़ी ने एक शाम, मोहब्बत से भर दी। आज की उठक-पटक भरी तेज जिंदगी में जो लोग प्यार और सुकून के पल भूल गए थे, उनके लिए पैगाम-ए-मोहब्बत ,प्यार का नजराना लेकर आया और उनके दिल को छू गया।

मधुश्री, जूही बब्बर और रक्षंदा खान का कहना हैं,” हमें लगता हैं कि दुनिया में मोहब्बत की बेहद जरूरत हैं। तो हमने अपनी तरफ से एक छोटी सी कोशिश की हैं।एक खूबसूरत आवाज़ के जरिये शायरी की जुबान से हमने लोगों को छूने की कोशिश की हैं।उम्मीद है कि हमारी ये कोशिश लोगों को पसंद आयी होगी तांकि हम और ऐसे ग़ज़लों के कॉन्सर्ट दुनिया भर में करते रहे और पैगाम-ए-मोहहब्बत फैलाते रहे।

मोहब्बत करनेवालों के लिए ग़ज़लों की सौगात लेकर आ गयी हैं गायिका मधुश्री ! ‘पैगाम -ए-मोहब्बत’ से ग़ज़ल की दीवानगी को दुनिया तक ले जाना हैं चाहती !

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